कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के दावों की उड़ाई धज्जियाँ?
पाकिस्तान में आतंकी अड्डों को नष्ट करने वाली भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर का चेहरा बनी गुजरात मूल की कर्नल सोफिया कुरैशी के पिता व दादा भी सेना में रह चुके हैं। उनके माता-पिता ने बेटी पराक्रम पर गर्व जताते हुए कहा कि उसने देश के लिए कुछ किया है। बचपन में सोफिया सेना के पराक्रम की कहानी सुना करती थी, आज खुद पराक्रम कर दिया।
उन्होंने कहा पाकिस्तान गंदा देश है उसका नाम भी लेना पसंद नहीं। भारत को एक अच्छा प्रधानमंत्री मिला है, भारत जल्दी ही पीओजेके भी वापस लेगा।
सोफिया के पिता ताजुद्दीन कुरैशी का कहना है कि पढ़ाई के दौरान ही एक दिन सोफिया ने कहा कि सेना में अभी हमारे परिवार से कोई नहीं है तो क्यों नहीं मैं शामिल हो जाऊं। सोफिया की बहन सायना नेशनल कैडेट कोर एनसीसी में फायरिंग गोल्ड मेडलिस्ट हैं तथा वजन कम होने के कारण वह सेना में नहीं जा सकीं, लेकिन सोफिया का चयन हो गया।
'अब गुलाम जम्मू-कश्मीर को भी वापस लाना है'
पिता कहते हैं, भारत सरकार ने बेटी को एक शानदार मौका दिया, हमारा मकसद पूरा हुआ। बेटी ने देश के लिए कुछ किया, अब गुलाम जम्मू-कश्मीर को भी वापस लाना है। देश को नरेन्द्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री मिला, ऐसा नेता और कहां मिलता है। ताज कहते हैं कि हमारा दुश्मन एक गंदा देश है उसका नाम लेना भी ठीक नहीं है। भारत ने उसके खिलाफ जो एक्शन लिया वह उसी के लायक है।
वायुसेना में भर्ती की तैयारी कर रहा बेटा
मां अलीमा का कहना है कि बेटा हो या बेटी दोनों समान होते हैं, बेटी के पराक्रम से सिर गर्व से ऊंचा हो गया। सोफिया को पिता सेना के पराक्रम की कहानियां सुनाया करते थे आज सोफिया ने खुद एक महान पराक्रम कर बताया। सोफिया का बेटा समीर वायुसेना में भर्ती की तैयारी कर रहा है, वहीं भतीजी सायरा भी सेना में शामिल होना चाहती है। भाई संजय कुरैशी बताते हैं कि आज खुशी बयां नहीं कर सकता, सीना चौड़ा हो गया, जैसे दुनिया जीत ली। पाकिस्तान को ऐसा जवाब देना जरूरी था।
पीएचडी अधूरी छोड़कर शार्ट सर्विस कमिशन में हुई भर्ती
गुजरात के फौजी परिवार की कर्नल सोफिया कुरैशी सेना में सिग्नल अफसर हैं। उन्होंने हिंदी में ऑपरेशन सिंदूर में सैन्य कार्रवाई का ब्योरा दिया। कर्नल सोफिया की स्कूली शिक्षा वडोदरा के केंद्रीय विद्यालय में हुई उसके बाद उसने एमएस विश्व विद्यालय से विज्ञान में स्नातक कर बायोकेमिस्ट्री में स्नात्तकोत्तर किया और पीएचडी में प्रवेश लिया।
वर्ष 1999 में मौका मिला तो पीएचडी अधूरी छोड़कर शार्ट सर्विस कमिशन के जरिए सेना में भर्ती हो गईं। जब वह एकेडमी में आईं तो कारगिल युद्ध चल रहा था। 2006 में वह कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के अभियान में शामिल हो चुकी हैं। वर्ष 2016 में उन्होंने बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भी हिस्सा लिया। आसियान सैन्य दस्ते में वह अकेली महिला अफसर थीं।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह हेलीकॉप्टर पायलट हैं और उन्होंने अंग्रेजी में आपरेशन सिंदूर का ब्योरा दिया। व्योमिका ने भारतीय वायुसेना के एक पायलट से विवाह किया है।
व्योमिका सिंह ने वर्ष 2023 में एक टीवी चैनल को बताया था कि 1990 की शुरुआत में एक परिचर्चा में भाग लेने के दौरान उन्हें वायुसेना ने आकर्षित किया। जब वह छठीं क्लास में थीं तब उनमें पायलट बनने की ललक जगी। उसी दौरान उन्हें उनके नाम का अर्थ 'आकाश की स्वामिनी' पता लगा। वह 2500 से अधिक घंटों की उड़ानें भर चुकी हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के ऊंचे अक्षांशों में उड़ान भरी है और नागरिकों के कई रेस्क्यू ऑपरेशन किए हैं।